जानवरों की कहानिया यहाँ हर तरह की animal stories for kids in hindi पढ़ने को मिल जायेगी, है मै आशा करता हु आपको जरुर पसंद आएगी.
animal stories for kids in hindi
# 1 उड़ने वाला कछुआ | The Flying Tortoise
एक बंदर और एक कछुआ बहोत अच्छे दोस्त थे। कछुए ने बंदर को एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर उड़ते हुए देखा और कहा, मैं भी तुम्हारी तरह उड़ना चाहता हूं। तो बंदर ने अपनी मजबूत पूंछ को एक पेड़ के चारों ओर घुमाया, और दिखाया कि कैसे वे एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक घूमते हैं। कछुआ ने कहा, “ये बहोत कठिन लग रहा है, मुझसे नहीं हो पायेगा ।” और एक शद्ब भी बोन बिना अपने कवच में गायब हो गया और सो गया। जल्द ही रात हो गई और बंदर चला गया। फिर कछुआ अपने कवच से बाहर आया और उसने एक पेड़ की शाखा पर छलांग लगाने की कोशिश की, लेकिन उसके छोटे छोटे पैरो की वजह से वह ज्यादा दूर कूद नहीं पाया और निचे जाके बन्दर ने खाये हुए केले की खाल पर गिर गया।
वो चिपचिपी केले की खाल कछुए के कवच पर चिपक गयी और पंखों की जोड़ी की तरह लगने लगी । अपने पंखो को देखके कछुआ रोमांचित हो गया और उड़ने लगा । उड़ते उड़ते वह बंदर के घर पहुंचा। बन्दर उड़ते हुए कछुए को देखकर चकित रह गया। कछुआ काफी प्रसिद्ध हो गया, और बंदर को उसका दोस्त होने पर गर्व होने लगा ।
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Moral of the Story : अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जो मेहनत करता है वही सफल होता है|
# 2 चतुर बकरी का नेता, दमदार लीडर बकरा की कहानी
janvaro ki kahani
एक गांव से दूर एक सुमसान इलाका था। यह दूर के जंगल का किनारा था। यहाँ जंगली बकरियाँ आराम से चरती थीं, यहाँ तक कि जंगल के हिरण भी कभी-कभी दिख जाते थे, सब आराम से रहते थे। एक दिन एक बकरी का युवा बच्चा आया और उसने झुंड के नेता को बताया। “मैंने एक शेर देखा। यह हमारे क्षेत्र में आ रहा है।” बकरियों के नेता ने युवा बच्चे के साथ जाकर देखा कि एक बूढ़े सिंह हमारे इलाके की और आ रहा है।
और वह खुले मैदान में बकरियों का शिकार करने आ रहा था। क्योंकि वह बूढ़ा होने के कारण घने जंगल में शिकार नहीं कर सकता था।
बकरियों के नेता ने सभी बकरियों को इकट्ठा करके कहा।
‘शेर दो दिन में यहां पहुंच जाएगा। हम सबको साथ रहना है। आप सभी को पश्चिम दिशा में खड़ा होना है और मैं पूर्व दिशा में अकेला खड़ा रहूंगा। किसी को डरना नहीं है, यह शेर हमारा कुछ नहीं बिगाड़ने वाला। हमें उसका सामना करना है। आप सभी को बहुत बे बे करके शोर मचाना है,?’ सभी बकरियों ने कहा, “ठीक है, सरदार!”
इस बकरियों के नेता ने तीन युवा बकरियों की मदद ली और पूर्व में एक गहरा गड्ढा खोदावाया। इसमें बड़े बड़े कांटे वाला झाड़ीया लाके बिछाई और फिर उसके ऊपर पत्तो को व्यवस्थित करके बाहरी भाग पे हरी घास बिछा दी। और खड्डा है वैसा किसीको मालूम ही न हो ऐसा बना दिया।
दो दिन बाद शेर सुभह सुभह आ पहोचा। वह हैरान था कि कोई बकरा उसे देखकर भागा नहीं। सभी एक साथ खड़े हुए थे। और शेर को घूर रहे थे।
बकरियों का नेता दूसरी दिशा में दौड़ा और खड़ा हो गया। फिर वह गर्व भरे स्वर में बोला, “अच्छा किया! बकरियां। आपको इस शेर से बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है। वह हमारा कुछ भी बिगड़ नहीं पायेगा। हम सब साथ में मिलके इसका सामना करेंगे।” – शेर बकरिया को डराने के लिए आवाज निकाली तब सामने सभी बकरियां भी बे.., बे…, करके आवाज लगाई और शोर मचाया। – सिंह व्याकुल हुआ। उसने सोचा। ‘ये बकरियां क्यों नहीं डरतीं? डरने की जगह क्यों सामना करती है?’
थोड़ी ही देर में उन्हें एहसास हुआ कि उनका नेता उन्हें हिम्मत दे रहा है। चलो पहेले उसे मार के खा जाऊ। तब इन बकरियों की टूट जाएगी ये सारी हिम्मत! – सिंह पूर्व की ओर चलने लगा और गर्जना की। फिर भी सभी बकरियों ने में.. में करके शोर किया।
बकरियों का सरदार शान से खड़ा रहा। शेर ने पैर को ठीक किया और उस बकरे पे छलांग मारी। उसने सोचा। “एक ही बार में , उस बकरे को मुह मरू तब इस बकरे का राम राम जाएगा!” लेकिन यह क्या बकरा तो अपनी जगह से थोडा सा खिसक लिया। शेर हरी घास पर गिर पड़ा और गिरते ही खड्डे में उतरने लगा। सभी बकरियां भी आश्चर्य से देख रही थीं। – शेर एक गहरे गड्ढे में गिर गया और जल्द ही उसकी दयाभरी आवाज सुनाई दी। इसके पुरे शरीर में बबूल के कांटों से चुभ गया।
बकरों गड़हे के किनारे पे जा के बोला, “हम तुमसे नहीं डरते। तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।’ शेर ने बाहर निकलने के लिए संघर्ष किया, लेकिन गड्ढा गहरा था। और नीचे कांटे थे। जितना अधिक वह कूदता, उतना ही अधिक घायल हो गया। अंत में बेहोश हो गया। बकरियों को पता था कि शेर भूख और खून-निकलने से मरने वाला है। सभी बकरे आनंदित हो गए। और सभी बकरिया ख़ुशी से बे… बे… करने लगी।
तो दोस्तों लीडर अच्छा हो, तो पूरी टीम सफल हो जाती है, बकरियों के चतुर नेता ने सारी बकरिया की जान बचाई।
# 3 दुसरो की मदद करने का फल |Lion and the Mouse | चूहे और शेर की कहानी
एक जंगल में एक शेर रहता था। एक दिन बड़के खाना खाने के बाद वह शेर एक पेड़ के नीचे सो रहा था। थोड़ी देर बाद, वहाँ एक चूहा आया और उसने शेर के शरीर पर खेलना शुरू कर दिया। अचानक शेर गुस्से से उठा और जिसने उसकी नींद ख़राब की उसे ढूंढने लगा । तब उसने देखा कि एक छोटा चूहा डर के मारे कांप रहा है। शेर ने गुस्से में चूहे को जा पकड़ा । वह चूहे को खाने ही वाला था की तभी चूहे ने उसे कहानी बताते हुए बोला और कहा की अगर आप आज मुझे छोड़ दो तोह अगली बार में आपकी मदद करूँगा । शेर हसने लगा और बोला की “तुम इतने छोटे चूहे मेरी क्या सहायता करोगे | पर आज मेरा पेट भरा हुआ है तो में आज तुझे छोड़ देता हु |” चूहा जान बचके भाग गया |
कुछ और दिनों बाद जब शेर फिरसे उसी पेड़ की निचे सो रहा था , तभी एक शिकारी ने आ के उसे अपने जाल में कैद कर लिया | शेर असहाय बन गया और बचाओ बचाओ चिल्लाने लगा | उतने में वही चूहा वह पे आ गया और शेर को बोला “उस दिन आपने मेरी जान बचायी थी तो आज में आपकी जाम बचाऊंगा |” और चूहे ने अपने दातो से शिकारी के जाल को काट डाला |
तब शेर को एहसास हुआ की उस दिन चूहे को छोड़ने की वजह से ही आज उसकी जान बची है | और फिर दोनों अचे दोस्त बन गए |
Moral of the Story : जब आप दुसरो की सहायता करोगे, तभी आपके जरूरत में कोई आपकी मदद करेगा |
# 4 चूहे की होशियारी | Smart Mouse Jerry with cat Tom
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एक घर में टॉम नामक एक बिल्ली रहती थी जिसे पढ़ना बहुत पसंद था। रात में, जब सब सो रही थी, वह चश्मा लगाती और बिल्लियों वाली बड़ी पुस्तक पढ़ती।
एक दिन उसने पुस्तक में पढ़ा की “यदि आप रात के खाने के लिए एक चूहा चाहते हैं, तो इस मंत्र को दोहराएं – इस घर में जो भी चूहा है.. यहाँ आ जाओ, यहाँ आ जाओ “ ऐसे
बिल्ली ने किताब के ऊपर सर निकल के देखा के रूम के कोने में एक जेरी नामक चूहा रहता था । बिल्ली ने मंत्र को दोहराया और जल्द ही चूहा उसके सोफे पर आ गया । फिर उसने चूहे को पकड़ने के लिए सोफे पर छलांग लगाई पर देखते ही देखते जेरी वहा से भाग गया |
जेरी बहुत चालाक था। अचानक वह चिल्लाया, “ओय , बिल्ली, भागो, तेजी से भागो! तुम्हारे पीछे कुत्ता पड़ा है! ” बिल्ली डर के मारे चूहे को छोड़कर खिड़की से बाहर भाग गयी। जेरी अपने कोने वाले बिल में जाकर हस्ते हुए बोलै ” प्यारी बिल्ली यह ट्रिक मेने चूहों की किताबो से पढ़ी थी ” और वह अपने होशियारी के कारण टॉम से बच गया |
Moral of the Story : दुसरो की होशियारी को कभी भी कम ना समझे UNDERESTIMATE ना करे.
#6 चालक लोमड़ी, kids animal stories
चंदा जंगल की सबसे सुंदर लोमड़ी थी, वह जंगल में हर झगड़े का न्याय इतनी चतुराई से करती थी कि जंगल का हर जानवर अपने झगड़े निपटाने के लिए उसी के पास में आ जाता था। इसी जंगल में अकडू और भेरू नाम के दो सियार भी रहते थे। चंदा को उसकी नजर अच्छी नहीं लगती थी, वह हमेशा उसे नष्ट करने में लगा रहता था।
एक बार अकडू ने भेरू से कहा- भेरू चंदा को खत्म करने के लिए हमने कितनी कोशिश की, लेकिन हमें हमेशा असफलता ही मिली।
चिंता मत करो अकडू, अब की बार चंदा नहीं बचेगी।
-सो कैसे?
-अकडू इस बार चंदा की दुश्मनी शेर खान से होगी।
-भेरू, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा,
समझ भी गए तो क्या करोगे? (दोनों शेर खान के पास जाते हैं। शेर खान के पास पहुंचते ही भेरू जोर-जोर से रोने लगता है।)
महाराज- महाराज, मेरा क्या होगा? महोदय, मैं इस वन को छोड़कर दूसरे वन में जाऊँगा।
ऐसा क्यों है कि तुम दोनों आज मेरे पास आते ही रोने लगे?
महाराज, जिस जंगल में चंदा लोमड़ी रहती है, वहां कौन रहेगा?
चंदा ने ऐसा क्यों किया है?
महाराज चंदा इस जंगल में शासन करना चाहती है, वह तुम्हें हटाना चाहती है।
शेर महाराज,- वह जानवरों के सभी झगड़ों को सुलझाती है। उससे पूछकर जंगल का हर एक प्राणी नया काम शुरू करता है।
महाराज,- जंगल में जिसका राजा सिंह नहीं है, हम वहां भी नहीं रहेंगे।
खैर बस इतना ही,- अभी देखता हूँ, मैं आज उस घमंडी लोमड़ी को बताता हूँ, किसका राज जंगल पर है।
इतना कहकर शेर खान वहां से चला गया। अकडू और भेरू दोनों मन ही मन प्रसन्न थे। वह वहीं बैठकर शेर खान की राह देखने लगा। वहाँ उसने चंदा लोमड़ी को आते देखा,
उसे देखकर प्रसन्न हुआ और कहा – ‘नमस्कार चंदाजी, कहाँ जा रहे हो, जंगल का राजा शेर खान को ढूंढ रही है। ‘
उन दोनों की मीठी-मीठी बातें सुनकर चंदा ने सोचा कि इस बार उसने शेर खान को मुझे मारने के लिए मना लिया है, उसने कोई उपाय सोचा।
वह सभी जानवरों से कहने लगा कि अकडू और भेरू ने कहा था कि वे मुझे मारकर जंगल का राज्य शेर खान को सौंप देंगे, लेकिन मैंने मना कर दिया। यह एक से दूसरे के पास जाते हुए शेर खान के पास पहुंचा,
शेर खान ने फिर से चंदा, चंदा से पूछा कि अकडू और भेरू ने तुम्हें जो कहा है वह सच है?
चंदा के “हाँ” कहते ही शेर खाँ उग्र हो गया और उसने जाते ही अकडू और भेरू को मार डाला और चंदा लोमड़ी फिर जीत गई।
सिख: हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए,
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