list of birds names in hindi: कुदरत ने हमें पक्षियों की दुनिया के साथ साथ काफी अदभूत चीजे दी है । सभी प्राणियों में पक्षी सबसे सुन्दर और आकर्षक प्राणी है । धरती पर पक्षियों की हजारो विभिन्न प्रजातिया मौजूद है । कभी कभी लोग 10 पक्षियों के नाम हिंदी और इंग्लिश में खोजते है । यहाँ पे हमने 60 से अधिक पक्षियों के नाम हिंदी इंग्लिश एंड फोटोज दिया है ।
list of birds names in hindi, पक्षियों के नाम हिंदी में
पक्षी किसे कहते है?
पंखो वाले या हवा में उड़ने वाले किसी भी जंतु को पक्षी कहा जाता है । आशरे इस समय पृथ्वी पर 10000 से ज्यादा प्रजातियाँ पक्षिओ की मौजूद है । पक्षियों की लम्बाई 2 इंच से 8 फिट तक के हो सकते है । पक्षी सभी जगह पाए जाते है ।
पक्षी उचे पहाड़ो को उड़ कर पार कर जाते है । और वे गहरे पानी में भी 240 मीटर तक डुबकी लगा सकते है । पक्षियों को ऐसे महासागरो के ऊपर देखा गया है की वहा से हजारो मिल दूर तट है । उनको दांत नहीं होता है केवल खाना खाने के लिए चौच होती है । भिन्न भिन्न पक्षियों की प्रजातीय भिन्न भिन्न तरह के आहार लेता है। जैसे की कोई पक्षी सांप को खाता है तो कोई छोटे छोटे पक्षियों अनाज के दाने चुनते है ।
पक्षियों का संपूर्ण शरीर नौका के आकार का होता है और पूरा शरीर पंखो से ढका होता है ।
कई प्रकार के पक्षी हैं, जिनमें गीत पक्षी, जलपक्षी और समुद्री पक्षी शामिल हैं।
कुछ पक्षी आनुवंशिकता के साथ-साथ अपनी जीवन शैली के कारण भी उड़ने में असमर्थ होते हैं। सीबर्ड्स की लंबी चोंच और चौड़े पंख होते हैं जो उन्हें बिना थके लंबी दूरी तक उड़ने और कवर करने की अनुमति देते हैं, और पानी के पक्षी, जैसे पेंगुइन, जलीय वातावरण में रहते हैं; उनके पास उस वातावरण में तैरने और पनपने की क्षमता है। मनुष्यों की तरह पक्षियों में भी दृष्टि, श्रवण, गंध, स्पर्श और स्वाद की पांच आवश्यक इंद्रियां होती हैं।
all birds names in hindi
हिंदी और अंग्रेजी में 100 पक्षियों के नाम की सूची,
सूची में ए से जेड तक सभी पक्षियों के नाम शामिल हैं। ये सामान्य पक्षी हैं जो दुनिया में पाए जा सकते हैं।
no | birds Images | पक्षियों का नाम हिंदी में | birds name in English |
---|---|---|---|
1 | मुर्गा | Cock | |
2 | खंजन | Wagtail | |
3 | काकातुआ | Cockatoo | |
4 | सारस | Crane | |
5 | तोता | Parrot | |
6 | काला कौवा | Raven Crow | |
7 | कोयल | Cuckoo | |
8 | बत्तक (मादा) | Duck | |
9 | बाज | Hawk or Falcon | |
10 | गौरैया चिड़िया | Sparrow | |
11 | मुर्गी | Hen | |
12 | शुतुरमुर्गम | Ostrich or Emu | |
13 | मैना | Starling | |
14 | चिल | Kite | |
15 | गरुड़ | Eagale | |
16 | बुलबुल | Nightingale | |
17 | गुंजन पक्षी | Hummingbird | |
18 | उल्लू | Owl | |
19 | मोर | Peacock | |
20 | कबूतर | Pigeon | |
21 | मोरनी | Peahen | |
22 | अबाबील | Swallow | |
23 | बत्तख (नर) | Drake | |
24 | नवरंग | Indian Pitta | |
25 | टिटिहरी | Sandpiper | |
26 | बगुला | Stork or Heron | |
27 | कठफोड़वा | Woodpecker | |
28 | राम चिरैया | Kingfisher | |
29 | फाख्ता | Dove | |
30 | पेरू | Turkey | |
31 | बया पक्षी | Weaverbird | |
32 | तीतर | Partridge | |
33 | चकोर | Red-legged Partridge | |
34 | बटेर | Quil | |
35 | चील | Kite | |
36 | गिध्ध | Vulture | |
37 | गिनी मुर्गा | Guinea Fowl | |
38 | धनेश | Hornbill | |
39 | हरियल | Yellow Footed, Green Pigeon | |
40 | हुदहुद | Hoopoe | |
41 | तांबट | Coppersmith Barbet | |
42 | राजहंस | Flamingo | |
43 | टर्की पक्षी | Turkey | |
44 | तिब्बती रामचकोर | Tibetan Snowcoock | |
45 | छोटी जंगली मुर्गी | Red Spurfowl | |
46 | चिल्मिआ | Blood Pheasant | |
47 | पीलक | Indian Golden Oriole | |
48 | दुधराजा | Asian Paradise Flycatcher | |
49 | सारस | Crane | |
50 | एक प्रकार का तोता | Rainbow Lorikeet | |
51 | जेवर | Western Tragopan | |
52 | पपीहा | Common Hawk Cuckoo | |
53 | हिमालयी मोनाल | Himalayan Monal | |
54 | हंस | Swan | |
55 | कलचुरी | Robin | |
56 | हिम तितर | Snow Partridge | |
57 | नीलकंठ | Magpie or Roller | |
58 | सोंन चिरैया | Great Indian Bustard | |
59 | पेंगुइन | Penguin | |
60 | चकवा | Skylark | |
61 | पीलक | Golden Oricle | |
62 | मुनिया | Thrush | |
63 | लवा | Lark | |
64 | समुद्री चिड़िया | Seagull | |
65 | भंगराज | Black Drongo | |
66 | चमगादड़ | Bat | |
67 | कौवा | Crow |
10 birds name in hindi
दस पक्षियों के बारे में संक्षिप्त में जानकारी,
(1) मोर
मोर भारत का राष्ट्रिय पक्षी है। यह संपूर्ण भारत में पाए जाने वाला बहुत ही सुन्दर पक्षी है।
अपने देश में मोर को 26 जनवरी 1963 को भारत का राष्ट्रिय पक्षी घोषित कर दिया गया। मोर को उसकी सुन्दरता तथा भारतीय संस्कृति में उसके प्रिय होने के कारण राष्ट्रिय पक्षी का दर्जा प्राप्त हुआ। हिन्दू धर्म में मोर का बहोत महत्व है। मोर के पंख भगवान कृष्णजी के मुकुट पर विधमान है। मोर के पंख हरे नीले रंग के होते है और इसके सिर पर मुकुट की तरह कलंगी होती है।
मोर को पक्षियों का राजा कहा जाता है। यह एक सर्वहारी पक्षी है। मोर वर्षारुतु में पंख फैलाकर नृत्य करता है। मोर को किसान का मित्र भी कहा जाता है। यह फसलो में लगने वाले कीड़े मंकोड़े को अपना आहार बना लेता है। मोर को शिध्धता और सुन्दरता का प्रतिक माना जाता है तथा भारत में इसका शिकार पूर्ण रूप से कानूनी अपराध है।
(2) राजहंस Flamingo
फ्लेमिंगो को हिंदी में राजहंस पक्षी कहते है। फ्लेमिंगो एक प्रकार का पक्षी है। जो बड़ी गहरी झील, खारे पानी की झील, मैग्रोव दलदलो और रेतीले द्वीपों के क्षेत्रो में पाए जाते है।
दुनिया में राजहंस की 6 प्रजातीया है। सबसे व्यापक बड़े राजहंस (ग्रेटर फ्लेमिंगो) आफ्रिका, दक्षिण यूरोप, भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पश्चिम एशिया के क्षेत्रो में पाया जाता है। बड़े राजहंस (ग्रेटरर्फ्लेमिंगो) की सबसे बड़ी प्रजाति है, जिसकी लम्बाई 5 फिट तक और वजन 3.5 किलोग्राम तक हो सकता है।
छोटे राजहंस सबसे अधिक पाए जाने वाले राजहंस है। यह राजहंस उत्तर पश्चिम भारत और आफ्रिका के सहारा क्षेत्रो में पाए जाते है। छोटे राजहंस सिर्फ 3 फिट लम्बे होते है इसका वजन ढाई किलोग्राम तक हो सकता है।
जंगलो में राजहंस 20 से 30 वर्ष तक और चिड़ियाघर में 50 साल तक जीवित रह सकता है। राजहंस के पैर उसके पुरे शरीर से अधिक लम्बे हो सकते है।
राजहंस बहमास देश का राष्ट्रिय पक्षी है। राजहंस लार्वा, छोटे कीड़े, शैवाल (एलगी) जलीय वनस्पति और छोटी मछलियों को खाते है। वनस्पति और मांस दोनों खाने की इनकी प्रवृति इन्हें सर्वहारी बनाती है।
(3) कोयल
मधुर आवाज वाली यह पक्षी स्वभाव में बेहद चालाक पक्षी की श्रेणी में आती है, उदाहरण के तौर पर कोयल दूसरे पक्षियों जैसे, कौवा के अंडे उसके घोसले से बाहर फेंक देती है और वहां अपने अंडे ले जाकर रख देती है। जिसे कौवा कोयल के अंडे को अपना समझ कर सेता है।
क्या आप जानते हैं? गाने का शौक केवल नर कोयल को ही आता है। अक्सर पेड़ों से आने वाली कुहु कुहू की मधुर आवाज नर कोयल ही निकालता है। कोयल अंटाकर्टिका को छोड़कर विश्व के सभी स्थानों पर पाया जाने वाला पक्षी है और इनकी अभी तक 120 प्रजातियां खोजी जा चुकी है। परंतु अलग-अलग स्थानों पर प्रजातियों में विभिन्नता देखी गई है।
कोयल जमीन पर नाम मात्र ही उतरती है और यह पेड़ों की टहनियों पर रहने वाला पक्षी है। वसंत रुतु के आरंभ होते ही आम, जामुन, वड के पेड़ पर जब भोर व् फूल आने लगते हैं तो कोयल मंजरी और फलों के रस का स्वाद लेने इन पेड़ों पर पहुंचती है और अपनी मधुर आवाजो के साथ एक डाल से दूसरी डाल पर नाचती गाती है। कोयल सर्वाहारी जीवो की श्रेणी में आने वाला पक्षी है क्योंकि यहा फल, फूल का मूल के अलावा छोटे कीड़े- मकोड़े भी खाती है।
विश्व में पाई जाने वाली सबसे छोटे कोयल का नाम ‘Little Bronze Cuckoo है और इसकी लंबाई मात्र इंच तथा इसका वजन लगभग 17 ग्राम होता है।
दुनिया में पाई जाने वाली सबसे बड़ी कोयल का नाम Channel Billed Cuckoo है और इसका वजन 630 ग्राम व् लंबाई 25 इंच होती है। नर और मादा कोयल की आंखें लाल और पाँव गहरे स्लेटी रंग के तथा चौच हरी होती है।
कोयल का जीवनकाल लगभग 6 वर्षों का होता है और इसका वैज्ञानिक नाम यूडाईनेमिस स्कोलोपकिस है।
(4) कबूतर
शांत स्वभाव के कबूतर जो किसी समय पर सूचना देने का काम किया करता था। पुराने समय में कबूतर का इस्तेमाल सुचनाये पहोचाने के लिए किया जाता था।
कबूतर से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारिया
कबूतर एक सुन्दर पक्षी है जो की पूरी दुनिया में पाया जाता है। इस पक्षी की एक चौच होती है और दो पंख होते है। जो उड़ने में सहायक होते है। कबूतर की उड़ने की रफ्तार प्रति घंटे 50 या 60 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। कबूतर को एक छोटा सा सर होता है। कबूतर के छोटे दो पैर होते है जो उचे तारो और पदों की डालियों पर पकड़ पकड़ बनाने में मददगार होते है।
इन कबूतर पक्षी का मुख्य भोजन अनाज, फल, दाने और बिज होता है। कबूतर सफेद और स्लेटी रंग के होते है। कबूतर को शांति का प्रतिक कहा जाता है। क्योकि वह एक शांत स्वभाव का पक्षी होता है। युध्ध के समय संदेश पहोचाने वाले कबूतर को जंगी कबूतर कहेते थे। कबूतर हमेशा झुण्ड में पाए जाते है। कबूतर का जीवनकाल 6 से 10 वर्ष का होता है।
पालतू जानवर बनाकर भी कबूतर को रखा जा सकता है। सफेद कबूतर को घरो में पाला जाता है। करीब 6000 से अधिक वर्षो से कबूतर को पाला जाता रहा है।
कबूतर पक्षी बड़े भवन और इमारतों पर अपना घोसला बनाते है। कबूतर की याददास्त बहोत ही तेज होती है। जिसे वे किसी भी सन्देश को आसानी से पहोचा देते है। कबूतर हवा में गुलाटी भी मार सकते है। जिससे वे शिकारी पक्षियों से अपना बचाव कर पाते है।
(5) तोता
तोता एक बहोत ही खुबसूरत पक्षी है और तोते को बोलना सिखाया जा सकता है।
तोते विभिन्न रंग के होते है लेकिन सबके अंडे पुरे के पुरे सफेद रंग के ही होते है।
तोते की औसतन आयु दस से पचत्तर साल तक होती है।
इन्हें ज्यादातर फल खाना पसंद होता है।
बड़े पेड़ो के बिलों में यह अपना घोसला बनाकर रहते है।
विश्व में तोते की लगभग 350 प्रजातियाँ पाई गई है।
तोते झुण्ड में रहने वाले पक्षी है।
तोते बड़ा तेज उड़ते है।
तोता बहोत ही समझदार और नटखट पक्षी है।
तोता एक बहोत ही सुन्दर पक्षी होता है।
(6) कौवा
कौवा दुनिया भर में पाए जाने वाला पक्षी है। कौवे की मुख्य पहेचान उसकी कर्कस काउ काउ की आवाज और उसका काला रंग होता है। कौवे ऐसे पक्षी होते है जिन्हें अक्षर बदसूरती से संबोधित किया जाता है। कौवे बुध्धिमान होते है। वे साफ पक्षी है और वे भी बहोत सामाजिक होते है जो अपने आसपास के वातावरण को आसानी से अपना लेते है।
कौवा एक बहोत ही साधारण पक्षी है। यह संसार में हर जगह पाया जाता है। यह काले रंग का होता है। इसकी चौच बहुत मजबूत होती है। यह फल, अनाज, कीड़े और मांस खाते है। कौवे पेड़ पर झुण्ड में रहते है। इसके शरीर के किसी भी हिस्से में कोई चमक नहीं होती है।
श्राद्ध के महीने में कौवे की पूजा की जाती है। घर की छत पर अगर कौवा बोलने लगे तो किसी महेमान के आने का संदेश माना जाता है।
कौवा सुबह बहुत ही जल्दी उठते है और अपनी कर्कश वाणी से का्य का्य करना शुरू कर देते है। अगर कोई खतरा दिखाई देता है तो भी यह का्य का्य करना शुरू कर देते है।
यह कोयल द्वारा आसानी से मुर्ख बना दिए जाते है। कोयल कौवे के घोसले में अपने अंडे रख देती है। जिससे कोयल के बच्चे जन्म लेते है।
कौवा इंशान का सबसे अच्छा मित्र होता है क्योकि वह सभी बेकार वस्तुओ को खा जाता है। वो एक अच्छे प्राकृतिक क्लीनर होते है।
(7) सारस – Crane
Crane, सारस दुनिया के सबसे उचे उड़ने वाले पक्षी है। कुछ सारस में हिमालय के ऊपर भी उड़ने की क्षमता होती है। सारस की 15 प्रजातीया होती है जिसे एंटीगोन, बैलेरिका और ग्रस तिन जेनेरा में रखा गया है।
सारस उत्तरप्रदेश का राजकीय पक्षी है। सारस लम्बे पैर, गर्दन और आमतौर पर लम्बी चौच वाले पक्षी होते है। इसकी गर्दन घुमावदार होती है और दिखने में बेहद सुन्दर लगता है। लाल मुकुट वाले सारस को सबसे भारी प्रजाति के रूप में जाना जाता है। सारस प्रतिदिन भोजन की तलाश में लगभग 500 मिल की यात्रा कर सकते है।
पंछी सारस रात में उथले पानी में बैठती है क्योकि पानी में कोई भी छीटे उन्हें आने वाले खतरे के बारे में सचेत कर सकते है।
सारस लगभग दुनियाभर में पाए जाने वाला पक्षी है। ये पक्षी अंटाकार्टिका और दक्षिण अमेरिका को छोड़कर हर महाद्वीप में पाए जाते है।
सारस सर्वाहारी, लंबे पैरो वाले पक्षी है जो विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों को खाते है। वह बिज, जामुन, अनाज, कीड़े, सरीसृप, छोटे स्तनपायी और यहाँ तक की अन्य पक्षियों को भी खा जाते है। इन पक्षी का वजन 5 से 9 kg के आसपास होता है। सारस पक्षी का जीवनकाल 20 से 25 वर्ष का होता है। यह पक्षी अधिकतर जोड़ो में ही देखा जाता है।
वह एक प्रवासी पक्षी है और वह एक बार ही जोड़ा बनाते है और अपने साथी के गुजर जाने पर जोड़ा नहीं बनाते, वे आम तौर पर एक बार में 2 अंडे देती है। अंडे सेने में लगभग 30 दिन लगते है।
(8) बाज
(9) बुलबुल
(10) धनेश
पक्षियों के बारे में कुछ रोचक बाते
- विश्व में पक्षियों की 8650 प्रजातीया है, जिन में से 1230 भारत में पाई जाती है।
- पक्षियों में केवल तोता ही ऐसा पक्षी है जम्हाई लेता है।
- पक्षियों में कान उनके पंखो के निचे छिपे रहते है।
- उल्लुओ के दांत नहीं होते है, इसलिए वे अपने शिकार को जिंदा ही निगलते है।
- कौवे दुसरे कौवो की मौत पर शोक मनाते है।
- हर साल लगभग हजारो पक्षी शीशे की खिड़की से टकराकर मार जाते है। क्योकि वो हमारी तरह पारदर्शी शीशे को देख नहीं पाते,
- केवल हमिंग बर्ड ही एकमात्र ऐसा पक्षी है जो पीछे की और उड़ सकता है।
- पक्षियों उचाई पर ‘V’ आकर में उड़ते है ताकि उड़ने में कम उर्जा लगे
- हरियल नाम का पक्षी कभी भी जमीन पर पैर नहीं रखता है।
- टिटहरी अपने पैरो को ऊपर करके सोती है।
- पक्षिओ के सबसे अधिक उम्र वाली गिध्ध सूर्य की और काफी देर तक टकटकी लगाकर देख सकता है।
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