saas bahu ki hindi kahaniya दोस्तों आज में आपके लिए डॉक्टर बहु की हिंदी कहानी ले के आया हु. आशा करता हु आप सबको पसंद आएगी वैसे तो सास बहू कहानी हर घर में अलग अलग होती है| तो जब आपको पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ साझा कीजिये facebook या whatsaap के जरिये धन्यवाद.
saas bahu ki hindi kahaniya
डॉक्टर बहु हिंदी कहानी (1)
प्रियंका डॉक्टर की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उनकी सास कोकिला को उनका पढ़ाई करना
बिल्कुल पसंद नहीं था। और वह जानबूझकर उन्हें घर के कामों में उलझाये रखती थी।
sas bahu ki hindi kahahni
प्रियंका के घर उनकी सहेली आती है: नमस्ते आंटी प्रियंका घर पर है क्या।
सास क्यों कौन है तू। और तुझे क्या काम है मेरी बहू से,
सहेली नीलम saas bahu ki hindi kahaniya
जी मैं उनकी सहेली नीलम हूं।कल उसका एग्जाम है ना और उसने मुझसे कुछ किताबें पढ़ने के लिए मंगाई थी, वही देने आई हूं।अच्छा तू है नीलम जो सारा दिन फोन पर मेरे बहू के कान भरती रहती है। देख लड़की अगर आज के बाद तूने मेरी बहू को उल्टी सीधी बात पढ़ाई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।अरे खबरदार अगर आज के बाद तूने मेरी बहू को फोन किया और दोबारा इस घर में दिखाई दी है।
अरे माझी पता नहीं आप किस जमाने की औरत है मैं तो सिर्फ आपकी बहू की मदद करना चाहती थी | लेकिन क्या करें बेचारी की किस्मत ही टूटी है उसे आप जैसी सांस मिली है ठीक है जाती हूं मैं। बढ़िया आई मुझे भाषण देने वाली तेरे जैसी बहुत देखी है मैंने,
शाम को प्रियंका अपने पति के साथ घर आती है।
प्रियंका:माझी मेरी बहन नीलम घर पर आई थी क्या?
माजी बोली: अरे बड़ी बदतमीज है तेरी सहेली औरों से बात करने का ढंग भी नहीं है उसे तो मैंने बड़े बड़े ताने सुना कर भगा दिया|
डॉ बहू: अरे भगवान अब क्या होगा। कल मेरा एग्जाम है
बेकार पढाई
सास कोकिला:अरे तेरी यह बेकार की पढ़ाई में क्या रखा है। बड़ी आई डॉक्टर बनने चुपचाप घर के कामों में ध्यान दें।
सास कोकिला:कल मेरी कुछ सहेलियां घर पर आ रही है। इनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
बाहु: जी मां जी।
सासुजी-saas bahu ki hindi kahaniya
प्रियंका के साथ मुंह फुला कर वहां से चली जाती है। अगले दिन का पूरा समय प्रियंका का सास की सहेलियों की खातिरदारी में और घर के काम में बीत जाता है। और प्रियंका एग्जाम नहीं दे पाती है। उस रात प्रियंका अपने पति करण को सारी बात बताती है।
करण:अब क्या बोलूं यह मा भी ना कोई बात नहीं और तुम अपना मुंह ठीक कर लो अगली बार अच्छे से ठीक से पढ़ाई करना।
भारती: कुछ दिनों के बाद बहार से आवाज आती है। अरे कोकिला बहन है। घर में प्रियंका है।
कोकिला:क्या हुआ भारती तू इस तरह लंगड़ा क्यों रही है।
भारती: अरे क्या बताऊ कोकिला बहन सीरिया उतरते वक्त मेरा पैर फिसल गया और पैर में सूजन आ गई है। इसलिए तेरी बहू से दवा पानी कराने आई हूं
saas bahu ki hindi kahaniya
सास कोकिला की दादागिरी हिंदी कहानिया
कोकिला: मेरी समझ में नहीं आता लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर डॉक्टर के पास क्यों जाते हैं।
अरे तेरा पैर मुड़ गया है ना बस ला अभी तेरे पैर को मैं ठीक कर देती हूं। दिखा तेरा पैर।
कोकिला भारती का पैर पकड़कर जोर से खींचती है।
भारती: मर गई रे ऐसा बोल कर जोर से चीखती है।
कोकिला: अरे क्या हुआ आराम मिला ,
भारती:
एक तो मेरा पैर पहले से मचका हुआ है। कहीं ऐसा ना हो कि ज्यादा मच कोड हो जावे रहने दे तू अब मैं चलती हूं।
और वो चली जाती है।
थोड़ी देर के बाद प्रियंका घर आती है।
माजी: अरे कहां मर गई थी सुबह से।
प्रियंका: माजी में अपनी किताबें लेने गई थी।
प्रियंका अपने कमरे में चली जाती है।
माजी: अच्छा इन किताबों ने इनका दिमाग खराब कर रखा है। यह किताबें ही सारी मुसीबत की जड़ है।
पेपर पस्ती लेने वाला
थोड़ी देर में ही वहां पेपर पस्ती लेने वाला और खाली बोतल लेने वाला चिल्लाता हुआ गुजर रहा होता है। सास ने बहू की सारी किताबें पेपर वालों को दी पेपर वाला बोला यह तो सब अंग्रेजी में लिखी हुई बहुत महंगी किताबें है। कोकिलाबहेन बोली तो लेकर जाता है कि नहीं! वैसे पेपर वाला सब किताबी लेकर चला जाता है।।
प्रियंका को जब इस बात का पता चलता है। तो वह बहुत दुखी होती है | और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए जाने लगती है। कुछ दिनों के बाद सास कहती है।: अरे मर गई रे बाप सास को बहुत दर्द होता है। और वो चीखने लगती है। उसको सहा नहीं जाता
माँ की तबियत बिगड़ी
बेटा कारन: क्या हुआ मां तुम्हारी तबीयत बिगड़ती जा रही है। वह बंगाली बाबा की दवाइयां नहीं लाई।
माँ कोकिला: अरे नाम मत ले उस ठगी का वह खुद का उपचार ही नहीं कर सकता मेरा क्या खाख करेगा।
बेटा करण:बेटा ठीक है ना मैं प्रियंका को फोन करके बुलाता हूं।
प्रियंका लाइब्रेरी में बैठे हुए पड़ रही होती है तभी उनके पति करण का फोन आता है।
प्रियंका: जी बोलिए जी!
करण: मां की तबीयत ठीक नहीं है जल्दी घर पर आ जाओ।
प्रियंका: जी मैं अभी आती हूं।
प्रियंका का सास के प्रति प्यार
थोड़ी देर के बाद प्रियंका घर पहुंचती है और कहती है क्या हुआ मां जी!
माजी: हां बहुत बड़ा बुखार है।
प्रियंका: फिकर न करो माँ जी आप मुझे एक बार चेकअप करने दीजिए सब ठीक हो जाएगा।
माजी: अच्छा ठीक है बहू जैसी तेरी मर्जी,
प्रियंका कोकिला का चेकअप करती है, फिक्र न करें मां जी आप की बीमारी समय रहते पता चल गई है। ठीक हो जाएगी अगर थोड़े दिन गुजर जाते तो इंफेक्शन ज्यादा फैल जाता और लेने के देने पड़ जाते प्रियंका अपनी सास को एक इंजेक्शन लगा देती है। और कुछ खुद दवाइयां खाने के लिए दे देती है।
प्रियंका: अब आप एकदम ठीक हो जाएगी।
कुछ दिनों के बाद कोकिला पूरी तरह ठीक हो जाती है। अपनी बहू के साथ किए गए बुरे बर्ताव से कोकिला को बहुत पछतावा और शर्मिंदगी महसूस होता है। वह अपनी गलती का पश्चाताप करने के लिए अपनी बहू को उसकी किताबे लाकर देती है।
साँस कोकिला: मुझे माफ कर दे बहू अगर तू सही वक्त पर मेरा इलाज नहीं करती तो पता नहीं क्या होता।
मां जी आप एक ऐसी बातें कर रही है मैंने जो किया वह तो बहू होने के नाते मेरा फर्ज था।
लालची बहु की कहानी (2)
सास बहु की कहानी
मनोहर अपने माता पिता के साथ एक छोटे से शहर में रहता था। वह एक कंपनी में काम करता था, जिसके पैसे से वह अपना खर्चा और अपने परिवार का खर्चा चलाता था। कुछ वर्ष बाद मनोहर की शादी हो जाती है। उसकी पत्नी का नाम रिया था। रिया एक बहुत ही लालची किस्म की औरत थी। रिया को जब भी पैसे मिलते थे, तो वह तरह-तरह के कपडे और गहने खरीद लेती थी। वह जब भी किसी समारोह में जाती थी तो हमेशा नए नए कपडे और गहने पहनकर जाना चाहती थी। जब उसके पास नए कपडे और नए गहने नहीं रहते थे, तब वह अपने पती मनोहर से जिद करके खरीदवा लेती थी।
उसकी लालच से उसका पति भी तंग आ गया था मनोहर, रिया को हमेशा समझाया करता था की हमारी कमाई उतनी नहीं है की मै तुमको हर समारोह में जाने के लिए अलग- अलग तरह के कपडे और गहने खरीद कर लाया करू। मगर रिया उनकी बातो को मानने के लिए तैयार ही नहीं होती थी। एक दिन ज़ब रिया किसी समारोह में गई थी, तब उसकी एक सहेली मनीषा उसके घर पर आई। मनीषा ने रिया की सास से उसके बारे में पूछा। रिया की सास ने मनीषा को सारी कहानी बताई।
रिया को सबक
मनीषा ने अब रिया को सबक सिखाने के लिए एक योजना बनाई। वह रिया के घर से सारा राशन लेकर चली गई और राशन के डिब्बे में अपने गहने और नए कपडे ला कर भर दिए। जब रिया समारोह से वापस आई तब वह किचन के डिब्बो में गहने देखकर बहोत खुश हुई। शाम हुआ, जब रिया खाना बनाने गई तब उसे राशन नहीं मिला तब वे अपनी
सास से पूछा- सारा राशन कहा गया?
उसकी सास ने जवाब दिया- ‘मैंने सारा राशन और घर का सारा सामान बेचकर तुम्हारे लिए गहने और कपडे खरीद लिया है।‘ तुम बदल बदल कर हर दिन नया पहेनो’
रिया बोली-“ मगर खाने के बिना मै गहनों और कपड़ो को क्या करुँगी?
तभी उसकी सहेली मनीषा आई और उसने रिया को सब कुछ बताया की यह तुमको सबक सिखाने के लिए किया गया था।
अब रिया को समझ में आ गया जीवन जीने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी भोजन होता है ना की बदल बदल के गहने और कपडे पहनना। रिया अब अपने पति के कमाई के अनुसार ही सारा काम करती थी और वह ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगी।
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