sacha mitra story in hindi with moral: ये कहानी दो बहोत ही अच्छे धनवान किशान मित्रो की है। मित्रता हो तो ऐसी, इस बेहतरीन कहानी को पूरी पढ़े mitrata ki kahani.
सच्चा मित्र-अमूल्य धन । सच्चा मित्र कहानी इन हिंदी
एक समय की बात है। एक गाव में दो समृद्ध (धन दौलत से भरपूर सुखी) किसान घनिष्ठ मित्र थे। दोनों में से एक मित्र, एक दिन अपने दोस्त के घर दोस्त का हालचाल पूछने के लिए पहुँचा। तो मित्र की पत्नी ने सूचना दी कि उनके दोस्त तो किसी काम से शहर गए हुए हैं। दोस्त की पत्नी ने अपने पति के परम मित्र की अच्छी आवभगत की, जलपान व स्वादिष्ट भोजन आदि कराया।
sacha mitra story in hindi with moral
सोने का हार खो जाना
जिस समय उसके पति के दोस्त घर मिलने आये थे, उस समय वह मित्र की पत्नी मक्खन से घी बनाने में लगी हुई थी। पति के दोस्त के चले जाने पर उस औरत का ध्यान अपने गले के हार पर गया। उसने उसे खूब दूँढा, परन्तु कही भी मिला नहीं। गले का हार सोने का होने से बहोत कीमती था।
शाम को पति महोदय घर पहुँचे, तो पत्नी ने हार गुम होने की शिकायत की। पति ने पूछा-“कब खो गया।” उसने बताया उस समय आपके दोस्त आए हुए थे। में भी वहीं बैठी मक्खन बना रही थी तब। पत्नी ने पतिदेव से आग्रह किया कि वह अपने दोस्त से हार के बारे में पूछ आए।
पति महोदय ने इन्कार कर दिया और कहा, “मेरा दोस्त बहुत अच्छा, ईमानदार व पेसेवाला है। वह तुम्हारे हार का क्या करेगा?” वो तुम्हारा हर नहीं चुरा सकता,
पत्नी के अधिक जोर देने पर वह दोस्त के घर पहुँच गया। उसने अपने दोस्त से पूछा, “मित्र तुम्हें मेरी पत्नी के गले के हार के विषय में कुछ मालूम है?” मित्र ने तुरन्त कह दिया मुझे कुछ मालूम नहीं है।
पति का मित्र के घर हार ढूंढने जाना
दोस्त ने फिर कहां कि, “तुम मेरी गैर हाजिरी में मेरे घर गए थे। उस समय मेरी पत्नी का सोने का हार गुम हो गया। उस समय दूसरा कोई नहीं आया था। यदि भूल से हार आ गया हो तो बतला दो।” उसका मित्र पहले तो थोड़ी देर चुप रहा फिर बोलां,
“हाँ, याद आया वह हार तो मैं ही ले आया था। मैंने सोचा कि इतना हलका हार मेरे दोस्त की पत्नी के गले में अच्छा नहीं लगता, शोभा नहीं देता था। इसलिए उसे भारी करवाने के लिए सुनार को दे दिया है। उसे दो दिन बाद ले देने को आऊंगा।
दो दिन से पहले ही वह हार अपने दोस्त के घर ले कर पहुँचा। दोस्त की पत्नी ने नया चमकीला, सुन्दर भारी हार देखा तो दोनों खुश हुए।
कुछ महीने बाद कोई किसान उसके घर घी लेने पहुँच गया। औरत ने जब किसान को घी देने के लिए उसके पात्र में चमचा डाला तो देखा कि जो घी का बर्तन औरत के हाथ में था उसमें नीचे सोने का हार पड़ा हुआ था। उसकी आखें फटी की फटी रह गई।
किसान को घी देकर चलता किया। फिर यह घटना उसने अपने पति को बताई और ,कहा-“हमसे बड़ी भारी भूल हो गई। जब आपका दोस्त यहाँ आया था, मैं घी बना रही थी, तो मेरा गले का हार मेरे ही घी के बर्तन में गिर गया होगा।
जो आज मिल गया। पति देव को भी बड़ा आश्चर्य ‘हुआ। अब पति-पत्नी दोनों सोने के हारों को लेकर अपने दोस्त के पास चले गए। उन्होंने अपने मित्र का हार वापिस लौटाते हुए उनसे पूछा, “जब आपने हार उठाया ही नहीं था तो आपने यह हार उठाने की बात अपने सिर कैसे लगा लिया।”
सच्चा मित्र, sacha mitra story in hindi with moral
मित्र ने बताया, “यदि मैं हार लेने से इन्कार कर देता तो भी मैं चोर पक्का समझा जाता। जिससे हमारी दोस्ती बेशक टूट जाती। इसलिए मैंने नया हार बनवा कर वह चोरी का शक तुम्हारे मन से हंमेशा के लिए निकाल दिया।
जिसे खुशी-खुशी आपने स्वीकार भी किया। इसलिए मैने हार से कीमती दोस्ती को माना। इतना सुन कर पति-पत्नी की आखों से आँसू निकल पड़े और अपनी भूल के लिए क्षमा माँगी। और कहा आपकी सच्ची मित्रता पर में कुर्बान भी हो जाऊँ तो वह भी कम है।
शिक्षा-समझदार व्यक्ति सच्ची मित्रता को छोटी-छोटी बातों से टूटने नहीं देते। इससे यह भी शिक्षा मिलती है कि सच्चे मित्र पर कभी शक नहीं करना चाहिए। ऐसे को बाद में पछताना पड़ता है। सच्चा मित्र एक अमूल्य धन होता है।
मित्रो येsachi mitrata short story in hindi कहानी कैसी लगी comment में हमें जरुर बताइयेगा.
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