zero to hero stories in hindi : दोस्तों सक्सेस यु ही किसी को नहीं मिल जाती इसके लिए बहोत ही कठिन संघर्स एवं धीरज की जरुर होती है। आज हम यहाँ जानेगे जो हीरो की सायकल या बाइक बनाने वाली कंपनी Hero Motocorp और उनके संघर्स के बारे में शुरू से लेकर अब तक की हीरो कंपनी की पूरी कहानी,
सक्सेस स्टोरी ऑफ़ हीरो, Hero motoCorp ki success story, बृजमोहन लाल मुंजाल की सफलता की कहानी
zero to hero stories in hindi
दुनिया की सबसे बड़ी टू व्हीलर कंपनी HERO motocorp यानि हीरो ग्रुप की है। दोस्तों बात जब हीरो की आती है तो हीरो हौंडा स्प्लेंडर को हम कैसे भूल सकते है। इस कंपनी की नीव, जिसकी शुरुआत देश आजाद होने से पहले ही बृजमोहन लाल मुंजाल ने अपने तिन भाइयो के साथ मिलकर की थी। और उनका सपना था एक ऐसी सवारी बनाना जो गरीबों के लिए ट्रांसपोर्ट का सबसे सस्ता जरिया बन जाए। लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए उनके पास इतनी पूंजी भी नहीं थी। जिस वजह से उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत साइकिल के पार्ट्स बेचने से की, और फिर पार्ट्स बेचने से उन्होंने हीरो ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा two व्हीलर कंपनी कैसे बनाया, इस के बारे में जानते है।
कहानी की शुरुआत होती है। 1 जुलाई 1923 से जब अविभाजित भारत के कमालिया नाम के जगह पर बृजमोहन लाल मुंजाल का जन्म हुआ। भारत पाकिस्थान के अलग हो जाने के बाद कमालिया अब पाकिस्तान में है। बृजमोहनलाल ने सिर्फ 20 साल की उम्र में अपने तीन भाइयों दयानंद, सत्यानंद और ओमप्रकाश के साथ कमालिया से अमृतसर आए और फिर उन्होंने बहुत ही छोटे स्तर पर साइकिल के पुर्जो का कारोबार शुरू किया।
जैसे जैसे कारोबार बढ़ा तो उनके पास कुछ पैसे भी इकट्ठे होते गए, और फिर 1954 में उन्होंने लुधियाना (पंजाब) में हीरो साइकिल की स्थापना की, जहा वे साइकल्स के लिए चैन, हेंडल और फोर्क बनाते थे। अगले दो सालो बाद 1955 में पंजाब सरकार ने साइकिल बनाने वाली कंपनीझ के लिए टेंडर निकाला। और उसमे हीरो साइकिल ने भी उस टेंडर में हिस्सा लिया। और सौभाग्य से हीरो ग्रुप को सरकार द्वारा साइकिल बनाने का लाइसेंस प्राप्त हो गया।
हीरो के लिए बहोत ख़ुशी की बात है की सरकार से मदद मिली,
जिसके बाद उन्होंने अपनी पूंजी और सरकार से 6 लाख रुपैये की मदद लेकर साइकिल बनाने का कारोबार शुरू किया। हांलाकि शुरुआत में उनके प्रोडक्शन कुछ खास नहीं थे। लेकिन समय बीतने के साथ ही अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने प्रोडक्शन को बढ़ाकर 75 सो साइकिल हरसाल बनाने लगी हीरो कंपनी , और फिर 1975 तक हीरो साइकिल भारत के सबसे बड़ी सायकल बनाने वाली कंपनी बन गई। जिसके बाद उन्होंने साइकल्स को बड़े स्तर पर विदेशों में भी भेजना शुरू कर दिया। और इस तरह से 1986 तक यह कंपनी भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी बन गई। और इसी साल उनका यह रिकॉर्ड गिनिस बुक ऑफ वर्ल्ड के रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
आज की बात करें तो कंपनी हर रोज 19,000 साइकिल बनाती है। सायकल उत्पादक के रूप में बड़ी कामयाबी के बाद हीरो ग्रुप ने मोटरसाइकिल (बाइक) बनाने की शुरुआत की और पहली बार उन्होंने हीरो मैजेस्टिक मोपेड बनाया,
और फिर 1984 में उन्होंने मोटर सायकल्स बनाने के लिए जापान की कंपनी होंडा (honda) के साथ करार किया। बस यहाँ से उन्होंने फिर से एक और कामयाबी की नीव रख दी।
और फिर हीरो ग्रुप ने हौंडा के साथ मिलकर मोटरसाइकल्स बनाने के लिए हरियाणा के धारूहेड़ा नाम की जगह पर प्लान्ट लगाया। और फिर 13 अप्रैल 1985 को हीरो होंडा की पहली बाइक CD-100 लांच की गई। जिस बाइक के अपने लोंचिंग के बाद मानो धूम ही मचा दी। क्योकि इस बाइक को खास करके आम आदमियों के लिए बनाया गया था। जिसकी जबरदस्त माईलेज और कंफर्ट की वजह से लोगों ने इसे खूब पसंद किया। और यही वजह थी की 1985 से 2002 तक हीरो होंडा के 86 लाख मोटरसाइकिल की बिक्री हुई। उस समय हर दिन 16000 नए मोटरसाइकिल बनाए जाने लगे।
हीरो की कामयाबी, zero to hero stories in hindi
और फिर मोटरसाइकल मेनुफचरर के रूप में हीरो हौंडा ने कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद अगस्त 2011 में हौंडा कंपनी से अलग होने का फैसला किया। लेकिन भारत में हीरो होंडा की मोटरसाइकिल 2013 तक दिखी। क्योंकि हीरो ने हौंडा का नाम युस करने के लिए उन्हें रॉयल्टी दी थी। और फिर जब दोनों कंपनिया अलग हो गई। और फिर अलग होने के बाद भी हीरो ने अपनी कंपनी को हीरो मोटोकॉर्प (Hero motocorp) के नाम से ही आगे चलाया।
और आज के समय में हीरो मोटोकोर्प दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी हीरो है और भारत में भी 46 परसेंट लोग इसी कंपनी का बाइक यूज करते हैं। और खास कर के गाव के लोगो की पहेली पसंद हीरो स्प्लेंडर या हीरो cd-100 ही है।
दोस्तों कामयाबी का एक अलग इतिहास रचने के बाद 1 नवंबर 2015 को 92 साल की उम्र में बृजमोहन लाल मुंजाल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उसके पहले उसने उसकी लाइफ से हमें बहोत कुछ सिखा दिया है।
तो दोस्तों कैसे बृजमोहन लाल मुंजाल ने साइकिल के पार्ट्स बनाने से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी मोटरसाइकिल कंपनी बनाई। सच तो यह है की यदि हमारे हौसले बुलंद और इरादे नेक हो तो कभी न कभी सफलता हमारे कदम जरुर चूमेगी।
हर साल दस लाख लोग हीरो मोटरसाइकल खरीद ते है।
और सबसे बड़ी यह बात है की हीरो की बाइक पुराणी हो जाने पर भी ठीक किंमत मिल जाती है,
तो दोस्तों इस तरह जीरो से हीरो बनके की कहानी कैसी लगी आपको comment में जरुर बताइयेगा, धन्यवाद
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